Wednesday, 24 August 2016



अदब की दुनिया का आख़री मक़ाम है
उर्दू ही इश्क़ की सच्ची ज़ुबान है।



चाँद की बात, गुलज़ार के साथ

            फिर बहुत देर तलक आज उजाला होगा

कल जो जला था अपनी ही आग में
वो दिया अब तेरे काजल सा काला होगा

टूट कर बिखरी हैं किरचें जिस पैमाने की
कैसे साक़ी ने उस जाम को संभाला होगा

जिसकी ज़ुम्बिश से लरज़ते थे दरीचे भी उनके
कब ये जाना था कि सियासतों का ताला होगा

कांपते कदमों की आहटों का हुआ है यूं असर
उसने रातों की नींदों में तो खलल डाला होगा

चली है कोई चाल नई  हम नफ़स ने कहीं
फिर बहुत देर तलक आज उजाला होगा ।।

Wednesday, 20 July 2016

श्वासों की लय
हृदय संचय
अश्रु प्रलय
आस्था अतिशय
प्रेम तन्मय
राधा तरूणय
कान्हा मृदुमय
जमुना तीरे
जीवन रसमय।।

Friday, 8 July 2016

उनकी यादों की खुश्बू से
महकती है ये मुसल्सल* continuously
मेरे शहर की गलियों को
तू यूँ तो बदनाम न कर

वो जो देखी थीं उस रात
गुज़रती रोशनियाँ ही तो थीं
ला-महदूद* सी उन सड़को को  *infinite
अपनी मंज़िलों से अनजान न कर

तज़ादों* से भरी इस दुनिया में *contradictions
बौराया सा क्यूँ फिरे है आदमी
हाथों की इन सुनहरी लकीरों को
वक्त के आगे मेज़बान न कर

उन अधखुली खिड़कियों के
राज़दाँ अब नहीं हैं कहीं
हम-ज़बाँ जो न बन सका, न सही
मेरे मेहरबां, यूँ बदगुमां तो न कर।।




A Prayer


I am single and feeling low
My flight might be very slow
Crushed with the heavy burden
And hence
I submit myself in the need of strength
Confirm me in thy peace and love
As life is a broken winged bird...

Thursday, 7 July 2016

आप से इतनी सी गुज़ारिश है
आइये भीग लें कि बारिश है
हमने कब कहा आपसे के मिलिये
सिर्फ मौसम की ये सिफ़ारिश है.......

Monday, 4 July 2016

कुछ यूँ छू गई अदा-ए-पुर्सिश-ए-यार की
के आरज़ू बढ़ती गई उनसे मुलाकात की।।

My window view

 Looking out of  My window I see wonder; Cease to think of The distressing Evocation of The current  Juncture. I lived a few Delightful  Mom...