Friday, 10 February 2017



             A Scene From My Window                

                         प्रगाढ़ विचार
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सुनो...
कुछ कहूँ?
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वृहत झरोखा, मंजुल दृश्य
द्वितीय तिथि, शुक्ल पक्ष(31st Dec 2016)
महीन सुधाकर, तारकमंडल
हरी दूब पर विराट तरुवर।

मौन विभावरी, चंद्र ज्योत्स्ना
संध्या सितारे, नवग्रह वृंद
शुभ्र दिवस, स्वर्णिम सूरज
नीलाभ गगन, मृदुरूप सारंग।

दिनकर कंचन, सुरम्य जगत
कलरव पंछी, सिंदूर दमक
मुदित हृदय, सौरभ आभा
नववर्ष नमन, नव अभिनंदन।।

 अनुशासनहीनता, अराजकता* और अनैतिकता** के उन असंख्य अवशेषों*** को तेजस्वी प्रकाश में बदलने की शक्ति इस ब्रह्मांड की दिव्यता**** है समय और स्थ...