Friday, 24 August 2018

तेरे औज ए ख़याल के कायल हैं हम ऐ हमनफ़स
पर मेरे मिजाज़ ए शहर पे तू इस तरह तो तंज़ न कर
8/16.

 अनुशासनहीनता, अराजकता* और अनैतिकता** के उन असंख्य अवशेषों*** को तेजस्वी प्रकाश में बदलने की शक्ति इस ब्रह्मांड की दिव्यता**** है समय और स्थ...