Thursday, 10 November 2011

जलधारा सा जीवन


धारा हूँ, बहती हूँ
निशब्द, धीर .....
जीवन को जीवन देती हूँ
सचल अचल है मेरा नीर.

 अनुशासनहीनता, अराजकता* और अनैतिकता** के उन असंख्य अवशेषों*** को तेजस्वी प्रकाश में बदलने की शक्ति इस ब्रह्मांड की दिव्यता**** है समय और स्थ...