Thursday, 10 November 2011
Subscribe to:
Comments (Atom)
अनुशासनहीनता, अराजकता* और अनैतिकता** के उन असंख्य अवशेषों*** को तेजस्वी प्रकाश में बदलने की शक्ति इस ब्रह्मांड की दिव्यता**** है समय और स्थ...
-
राज़ कैफे-जिंदगी का यही है मेरे यारां के बेइख्तेयारी में ही गुनगुनाने की अदा पाई है।।
-
रात की आंखों में सपने सा चाँद दुल्हन के माथे के टीके सा चाँद अपनी ही रोशनी में भीगा सा चाँद विरह की रातों में जागा सा चाँद भीगी सी पलको...
-
मेरे गिरते लरज़ते वजूद को पहचान देने वाले यूँ ही बने रहना मेरे हौसला बुलंद रहनुमा तुम... कि मैं भी गुरूर था किसी का ख़ाकिस्तर होने से प...
