Monday, 17 June 2019

नैनों में प्यार, लबों पे इनकार
खामोश तकरार, बहार पुर-बहार
कितने संसार, एक कमरे में....।।





महीना आषाढ़, गर्मी से बेज़ार
बारिश का इंतज़ार बे इख्तियार
ये रंग-ए- कायनात
कितने संसार, एक कमरे में...।।



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