Monday, 4 July 2016

कुछ यूँ छू गई अदा-ए-पुर्सिश-ए-यार की
के आरज़ू बढ़ती गई उनसे मुलाकात की।।

Wednesday, 22 June 2016

May you never forget to listen
The sounds of silence
Warm and restful
Pleasant and cheerful....
Those soothing layers of misty hue
Spreading across that fictitious cue
~Indu

Wednesday, 15 June 2016



हर बात पे कुछ कहूँ ये ज़रूरी तो नहीं
तेरे दीदार का तसव्वुर* करूँ ये ज़रूरी तो नहीं

* imagination/ fancy    

हर शख्स तेरे नाम का दीवाना है हुआ
मुझे इस सवाब* की तमन्ना हो ये जरूरी तो नहीं

* reward

ये कायनात-ए-अज़ीम* बुलाती है मुझे बारहा**
नज़्में गम-ए-इश्क की मैं रोज़ पढ़ूँ ये ज़रूरी तो नहीं

* The great universe
** again & again

हर्फ ओ नवा* की जादूगरी का अंदाजा है मुझे
शाम ओ सहर इनकी ताबीर** करूँ ये ज़रूरी तो नहीं        

*word and sound
**interpretation

बैठी हूँ उसके दर पे मुतमईं* हो के मैं
अश्क ओ आह की तहरीर** पढ़ूँ ये ज़रूरी तो नहीं

* Contended
** script

हर कोई है आज अपनी पहचान का तालिब*
मैं भी ये इंतखाब** करुँ ये ज़रूरी तो नहीं

* seeker
** selection

बे चरागाँ* बस्तियों के बाशिंदे हैं ये सब
इनकी आहों में असर हो ये ज़रूरी तो नहीं।

* dark

उसकी अलामत ए दर्द *की भी क्या कहें
उजड़े से इस चमन का बागबान है ये आदमी ।।

* sign of pain

Wednesday, 1 June 2016

ख्वाबों में वो जो रुख ए पुरनूर हुआ
मेरा इश्क ही अब मेरा सुरुर हुआ।।

Wednesday, 18 May 2016

अब तो मयखाना भी सूकूं नही देता
ज़िक्र ए जमहूरियत
अब
वहाँ भी पसर बैठा है।।

Monday, 2 May 2016

'अपने किरदार को मौसम से बचाकर रखना
के फूलों में लौट कर कभी आती नहीं खुशबू।'

My window view

 Looking out of  My window I see wonder; Cease to think of The distressing Evocation of The current  Juncture. I lived a few Delightful  Mom...