Friday, 8 July 2016

उनकी यादों की खुश्बू से
महकती है ये मुसल्सल* continuously
मेरे शहर की गलियों को
तू यूँ तो बदनाम न कर

वो जो देखी थीं उस रात
गुज़रती रोशनियाँ ही तो थीं
ला-महदूद* सी उन सड़को को  *infinite
अपनी मंज़िलों से अनजान न कर

तज़ादों* से भरी इस दुनिया में *contradictions
बौराया सा क्यूँ फिरे है आदमी
हाथों की इन सुनहरी लकीरों को
वक्त के आगे मेज़बान न कर

उन अधखुली खिड़कियों के
राज़दाँ अब नहीं हैं कहीं
हम-ज़बाँ जो न बन सका, न सही
मेरे मेहरबां, यूँ बदगुमां तो न कर।।




A Prayer


I am single and feeling low
My flight might be very slow
Crushed with the heavy burden
And hence
I submit myself in the need of strength
Confirm me in thy peace and love
As life is a broken winged bird...

Thursday, 7 July 2016

आप से इतनी सी गुज़ारिश है
आइये भीग लें कि बारिश है
हमने कब कहा आपसे के मिलिये
सिर्फ मौसम की ये सिफ़ारिश है.......

Monday, 4 July 2016

कुछ यूँ छू गई अदा-ए-पुर्सिश-ए-यार की
के आरज़ू बढ़ती गई उनसे मुलाकात की।।

Wednesday, 22 June 2016

May you never forget to listen
The sounds of silence
Warm and restful
Pleasant and cheerful....
Those soothing layers of misty hue
Spreading across that fictitious cue
~Indu

Wednesday, 15 June 2016



हर बात पे कुछ कहूँ ये ज़रूरी तो नहीं
तेरे दीदार का तसव्वुर* करूँ ये ज़रूरी तो नहीं

* imagination/ fancy    

हर शख्स तेरे नाम का दीवाना है हुआ
मुझे इस सवाब* की तमन्ना हो ये जरूरी तो नहीं

* reward

ये कायनात-ए-अज़ीम* बुलाती है मुझे बारहा**
नज़्में गम-ए-इश्क की मैं रोज़ पढ़ूँ ये ज़रूरी तो नहीं

* The great universe
** again & again

हर्फ ओ नवा* की जादूगरी का अंदाजा है मुझे
शाम ओ सहर इनकी ताबीर** करूँ ये ज़रूरी तो नहीं        

*word and sound
**interpretation

बैठी हूँ उसके दर पे मुतमईं* हो के मैं
अश्क ओ आह की तहरीर** पढ़ूँ ये ज़रूरी तो नहीं

* Contended
** script

हर कोई है आज अपनी पहचान का तालिब*
मैं भी ये इंतखाब** करुँ ये ज़रूरी तो नहीं

* seeker
** selection

बे चरागाँ* बस्तियों के बाशिंदे हैं ये सब
इनकी आहों में असर हो ये ज़रूरी तो नहीं।

* dark

उसकी अलामत ए दर्द *की भी क्या कहें
उजड़े से इस चमन का बागबान है ये आदमी ।।

* sign of pain

My window view

 Looking out of  My window I see wonder; Cease to think of The distressing Evocation of The current  Juncture. I lived a few Delightful  Mom...