अब तो मयखाना भी सूकूं नही देता
ज़िक्र ए जमहूरियत
अब
वहाँ भी पसर बैठा है।।
ज़िक्र ए जमहूरियत
अब
वहाँ भी पसर बैठा है।।
Looking out of My window I see wonder; Cease to think of The distressing Evocation of The current Juncture. I lived a few Delightful Mom...